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17 November, 2023
9:00 am

Kalam Se! – Writing for social change

Are you passionate to work in an area that fosters change (for the better)? Do you wish to capture the socio-cultural, environmental, and political stories of our times that challenge the current system?

Background/ Rationale
Writing about the world around us is not just an act of documentation but also a harbinger of inner and outer change. It challenges the existing power equations and strengthens the voice of the unheard while also making the writers aware of their own biases and privileges. Writing is one of the oldest methods of revolution in the world. It is an important tool to spread awareness and assert freedom of expression. Through their work, journalists are simply exercising every citizen’s right to free speech.

You might have come across many stories which you feel the world should know but may not have written them for lack of skill or confidence. 

About the Workshop
This workshop will guide you in finding your voice as a writer, equipping you with a skill in storytelling that’s effective and humane.  Through a series of exhaustive discussions, writing assignments, activities, interaction with experienced people in the social sector, and field visits this seven-day skill-based course will help you build an expression. We will help you share the stories you care for be it personal, political, or social. This workshop will include sessions on coherent writing, interviewing, photography, data mining, fact-checking, the use of satellite maps, infographics, and short audio-visual content in storytelling.

The sessions will be interspersed with creative exercises in nurturing imagination, empathy, and self-appraisal. The residential structure of the workshop will mean that the participants can access the facilitators for feedback and guidance freely after the class hours for the duration of the workshop.

At the end of the workshop, the participants will be ready to conceive story ideas, identify research avenues for them, analyze topics, conduct interviews, connect with people and surroundings, and produce and publish in-depth written and visual content. They will also be guided on how to pitch the stories to publishers and work with editors during the post-writing process. 

Who is the workshop for: This workshop is ideal for aspiring writers and also for those who want to upgrade their skills in storytelling and multimedia use. Besides journalism, the learnings can be used in analyzing social issues in your field of work, building advocacy campaigns, in-house group or interpersonal communications, and other mass communication material.

Facilitators Bio:
Ravleen Kaur (She/Her)-Ravleen Kaur is an independent journalist working on environmental and rural issues. She started working with the Delhi edition of The Indian Express in 2005 and then joined Down to Earth magazine, India’s most trusted environmental magazine. Ravleen also reported for the news service division of All India Radio and worked as a consulting editor with India Water Portal. She has reported from 15 states and has delved into a variety of subjects ranging from health, agriculture, and environmental issues to writing on food and travel. Selected writing: can be read on https://ravleen.contently.com/

Manu Moudgil (He/They) – Manu is an independent journalist with a focus on the environment, social justice, and governance. He has traveled extensively and reported from 10 of the 15 major agro-climatic zones in India while also undertaking research work and workshops on environmental issues, the right to information, and multimedia tools. In the past, he has worked with the Hindustan Times, Press Trust of India, and the India Today group. Selected writings: https://manumoudgil.contently.com/

Dates and Venue: 17th to 23rd November 2023, Sambhaavnaa Institute, VPO – Kandbari, Tehsil – Palampur, District – Kangra, PIN 176061, Himachal Pradesh

Contribution towards Program Costs: We hope that participants would contribute an amount of Rs. 7000/- towards workshop expenses, inclusive of all on-site workshop costs: boarding, lodging, and all the materials used in the workshop. Need-based partial waivers are available; we have a very limited number of partial waivers, so, please apply for a waiver only if you really need it. Please do remember that there may be others who need it more than you.

Language:  English and Hindi. Participants are welcome from any language background as we would like to encourage writing in local languages. However, resource persons can read and understand English, Hindi and Punjabi.

If required a letter of participation can be provided. Please ask for one during the workshop. 

How to reach: Please visit: Getting here

For any other info:  WhatsApp or call: 889 422 7954 (between 10 am to 5 pm), and e-mail: programs@sambhaavnaa.org

​कलम से! – ​सामाजिक परिवर्तन के लिए लेखन

17 से 23 नवंबर, 2023

पृष्ठभूमि

अपने आस-पास की दुनिया के बारे में लिखना किसी घटना या विचार को संग्रहित करने के साथ साथ आंतरिक और बाहरी परिवर्तन का सूचक भी है | लेखन दुनिया में क्रांति के सबसे पुराने तरीकों में से एक है। यह हाशिए पर धकेले गए लोगों की आवाज़ को मजबूत करते हुए मौजूदा सत्ता की नीतियों को चुनौती देता है और साथ ही लेखकों को अपने पूर्वाग्रहों और विशेषाधिकारों से भी अवगत कराता है। अपने काम के ज़रिए, पत्रकार हर नागरिक की अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार को बुलंद करते हैं ।

आपने भी अपने जीवन में कई अनुभव किए होंगे जिनके बारे में आप और लोगों को बताना चाहते होंगे, लेकिन कौशल, अवसर या आत्मविश्वास की कमी के कारण आपने उन्हें लिखने का प्रयास नहीं किया । 

कार्यशाला के बारे में

इस कार्यशाला में स्पष्ट लेखन, साक्षात्कार, फोटोग्राफी, डेटा संकलन, तथ्य-जांच, सैटेलाइट मैपिंग का उपयोग, इन्फोग्राफिक्स और शॉर्ट ऑडियो-विज़ुअल सामग्री पर सत्र शामिल होंगे।

यह कार्यशाला आपको एक लेखक के रूप में अपनी शैली खोजने में मदद करेगी तथा आपके प्रभावी और मानवीय कहानी कहने के कौशल को और बढ़ावा देगी । विस्तृत चर्चाओं, लेखन अभ्यासों, सामाजिक क्षेत्र के अनुभवी लोगों के साथ बातचीत और फ़ील्ड वर्क के माध्यम से यह सात दिवसीय पाठ्यक्रम आपको उन कहानियों को साँझा करने में मदद करेगा जिनकी आप परवाह करते हैं, चाहे वे व्यक्तिगत हों, राजनीतिक हों या सामाजिक । 

सत्रों में कल्पना, समवेदना और आत्म-मूल्यांकन को बढ़ावा देने के रचनात्मक अभ्यास भी शामिल होंगे।कार्यशाला की आवासीय संरचना इसलिए की गयी है ताकि प्रतिभागी सत्रों के बाद भी फीडबैक और मार्गदर्शन प्राप्त कर सकें । कार्यशाला के अंत में, आप लेख के लिए नए विचारों को खोजने, उन पर शोध करने, विषयों का विश्लेषण करने, साक्षात्कार करने, लोगों और परिवेश से जुड़ने और गहन लिखित और विज़ुअल सामग्री का उत्पादन और प्रकाशन करने के लिए तैयार होंगे। आपको यह भी बताया जाएगा कि प्रकाशन के लिए कहाँ और किस से सम्पर्क करें तथा लेखन के बाद की प्रक्रिया के दौरान संपादकों के साथ कैसे काम किया जाए।

कार्यशाला किसके लिए है:

यह कार्यशाला महत्वाकांक्षी लेखकों और उन लोगों के लिए आदर्श है जो कहानी कहने और मल्टीमीडिया उपयोग में अपने कौशल का विस्तार करना चाहते हैं।पत्रकारिता के अलावा आप यहाँ से सीखे हुए तकनीकों का उपयोग अपने कार्य क्षेत्र में सामाजिक मुद्दों का विश्लेषण करने, अभियान प्रचार, और अपने संगठन की  जनसंचार सामग्री के लिए भी कर सकते हैं । 

स्त्रोत व्यक्तियों के बारे में :

रवलीन कौर – रवलीन कौर एक स्वतंत्र पत्रकार हैं जो पर्यावरण और ग्रामीण मुद्दों पर काम करती हैं। उन्होंने 2005 में द इंडियन एक्सप्रेस के दिल्ली संस्करण के साथ काम करना शुरू किया और फिर भारत की सबसे भरोसेमंद पर्यावरण पत्रिका, डाउन टू अर्थ, में शामिल हो गईं। रवलीन ने ऑल इंडिया रेडियो के समाचार सेवा प्रभाग के लिए भी रिपोर्टिंग की और इंडिया वाटर पोर्टल के साथ परामर्श संपादक के रूप में काम किया। उन्होंने 15 राज्यों से रिपोर्टिंग की है और स्वास्थ्य, कृषि और पर्यावरण संबंधी मुद्दों से लेकर भोजन और ट्रैवल पर लेखन तक विभिन्न विषयों पर गहराई से विचार किया है। चयनित लेखन:  https://ravleen.contently.com/ पर पढ़ा जा सकता है

मनु मुद्ग़िल  – मनु एक स्वतंत्र पत्रकार हैं जिनका काम पर्यावरण, सामाजिक न्याय और शासन नीति के परस्पर जुड़ाव पर रहा है। उन्होंने भारत के 15 प्रमुख कृषि-जलवायु क्षेत्रों में से 10 से रिपोर्टिंग की है और साथ ही पर्यावरणीय मुद्दों, सूचना के अधिकार और मल्टीमीडिया प्लैट्फ़ॉर्मस पर शोध कार्य और मीडिया कार्यशालाएं भी की हैं। अतीत में, उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया और इंडिया टुडे समूह के साथ काम किया है।चयनित रचनाएँ: https://manumoudgil.contently.com/

तिथियां और स्थान: 17 से 23 नवंबर 2023, संभावना संस्थान, वीपीओ – कंडबारी, तहसील – पालमपुर, जिला – कांगड़ा, पिन 176061, हिमाचल प्रदेश

कार्यक्रम की लागत में योगदान: हमें उम्मीद है कि प्रतिभागी ज़रूरी योगदान देंगे। वर्कशॉप खर्च के लिए रु 7000/-, जिसमें सभी ऑन-साइट लागतें शामिल हैं: भोजन, आवास और वर्कशॉप में उपयोग की जाने वाली सभी सामग्रियां। आवश्यकता-आधारित आंशिक छूट उपलब्ध हैं; हमारे पास आंशिक छूट की संख्या बहुत सीमित है, इसलिए, कृपया छूट के लिए तभी आवेदन करें जब आपको वास्तव में इसकी आवश्यकता हो। कृपया याद रखें कि ऐसे अन्य लोग भी हो सकते हैं जिन्हें आपसे अधिक इसकी आवश्यकता हो ।

भाषा: अंग्रेजी और हिंदी. किसी भी भाषा पृष्ठभूमि से आने वाले प्रतिभागियों का स्वागत है क्योंकि हम स्थानीय भाषाओं में लेखन को प्रोत्साहित करना चाहते हैं। हालाँकि, हम अंग्रेजी, हिंदी और पंजाबी पढ़ और समझ सकते हैं।

यदि आवश्यक हो तो भागीदारी पत्र दिया जा सकता है।

कैसे पहुंचें: कृपया देखें: Getting here
किसी भी अन्य जानकारी के लिए: व्हाट्सएप या कॉल करें: 889 422 7954 (सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच), और ईमेल:Programs@sambhaavnaa.org

Kindly fill out the application form below

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