RECLAIMING OUR REPUBLIC
Understanding threats to our Democracy, and working toward Constitutional Values
21-24 May 2023 at Sambhaavnaa Institute
Background:
Friends, many of us are aware of the deep inroads that a dangerous hate-driven, divisive, and authoritarian ideology has made across our land in the last few years: its assaults on the Constitution of India, the Supreme Court, the Reserve Bank, the Press Council of India, major Investigative Agencies, and other institutions of democracy; and, at the ground level, its impact on the lives of the minorities, Dalits and Tribals. Even in the turbulent times of COVID-19, dissenting academics, activists, lawyers, journalists, writers, artists, and students have been singled out for retribution. The net has also spread to include all those people who believe in the plurality and diversity of this vast land, who believe in the equality of the law for all citizens beyond caste, creed, religion, language, and gender, and who believe in the freedom of speech. It’s time that we stand against the fascist regime. Each individual in this second freedom struggle is guided by the preamble of the Indian Constitution which promises liberty, equality, and justice to every citizen irrespective of caste, creed, color, and gender.
This ascent to power is achieved by manufactured half-truths, propaganda, hyper-nationalism, shrill jingoism, and the whipping up of fear and hate. We know the battle is long and needs to be fought at the sociopolitical, legal, cultural, and media levels. But we also know that there have been numerous instances where individuals and institutions have stood up bravely, and successfully, to challenge this state of affairs, which gives us strength to continue our struggles with mutual solidarity.
About the workshop
We, at Sambhaavnaa Institute with a group of dedicated and reputed resource people, are organizing a workshop of four days that will endeavor to collectively work on the necessary ideas and tools to combat fascist forces.
Objectives of the program:
- Understanding the nature of the threats to the republic in the context of, free speech, media, the rule of law, opposition, and institutions.
- Threats to the poor, especially in the context of (e.g. Mgnrega, bank privatization, employment ) and the change of labor laws
- Understanding the threats to minorities by the use of identity politics, majoritarianism, and othering.
- Exploring the counter and positive narratives supporting diversity, equality, freedom, and justice.
- Cultural resistance, People’s movements, and constitutional tools, like RTI, judicial approaches
- Sharing by participants of their own tools of resistance and creating a collective action plan.
Residential Resource Persons also include:
Anupam – National President of Yuva Hallabol
Harsh Mander – Harsh Mander is an Indian author, columnist, researcher, teacher, and social activist who started the Karwan-e-Mohabbat campaign in solidarity with the victims of communal or religiously motivated violence.
Anjali Bhardwaj – an Indian social activist working on issues of transparency and accountability. She is a co-convenor of the National Campaign for People’s Right to Information (NCPRI)[1] and a founding member of Satark Nagrik Sangathan.
Amrita Johari
Prashant Bhushan
Online resource person – Ram Puniyani, Ravish Kumar
Who is this workshop for?
This is a call to all teachers, students, activists, community mobilizers, and concerned citizens, who are deeply concerned about this state of affairs today. It is a call to come together to celebrate and strategize, to reimagine and reclaim the Republic.
We invite young minds to come together and use this opportunity to sharpen their understanding and capacities to engage with their surroundings.
Dates and Venue: 21st – 24th May,2023
Sambhaavnaa Institute, VPO – Kandbari, Tehsil – Palampur, District – Kangra, PIN – 176061, Himachal Pradesh
How to reach the Sambhaavnaa’s campus: Please visit: Getting here
Contribution towards program costs:
We hope that each participant would contribute a subsidised amount of Rs. 2000 /- towards the workshop expenses, inclusive of all on-site workshop costs: boarding, lodging, and all the materials used in the workshop.
Need-based partial waivers are available, especially for people from marginalized communities. We have a very limited number of partial waivers, so, please apply for a waiver only if you really need it. Please do remember that there may be others who need it more than you.
To know more, contact us: WhatsApp at 889 422 7954 (Working hours 10 am to 5pm, Mon-Sat), or e-mail us at programs@sambhaavnaa.org.
गणतंत्र की बहाली
मुद्दों को समझना और संवैधानिक मूल्यों की ओर काम करना
21-24 मई 2023 संभावना संस्थान में
पृष्ठभूमि:
दोस्तों, हममें से ज़्यादातर लोग जानते ही हैं कि एक खतरनाक, नफरत से भरी, लोगों को बांटने वाली, तानाशाहीपूर्ण विचारधारा ने पिछले कुछ सालों में हमारी ज़मीन पर अपने पैठ बना ली है| इसका हमला हमारे संविधान, सर्वोच्च न्यायालय, रिजर्व बैंक, प्रेस परिषद, प्रमुख जांच एजेंसियों तथा लोकतंत्र की अन्य मुख्य संस्थाओं पर हुआ है| ज़मीनी स्तर पर इसका असर अल्पसंख्यकों, आदिवासियों और दलितों की ज़िन्दगी पर पड़ रहा है| यहाँ तक कि कोविड जैसे मुश्किल समय में अलग राय रखने वाले कार्यकर्ताओं, वकीलों लेखकों, पत्रकारों, कलाकारों और छात्रों को छांट छांट कर सबक सिखाया गया| फंसाने के लिए जाल को उन लोगों तक भी फैलाया गया जो इस विशाल भूभाग के बहुलतावाद और विविधता में यकीन रखते हैं तथा जाति, वर्ण, धर्म, भाषा व लैंगिकता अलग होते हुए भी सबको समान मानते हैं| असलियत में यह विचारधारा हमारी नागरिकता के बुनियादी सिद्धांतों और हमारी सभ्यता पर हमला है|
हम इस बात से भी वाकिफ हैं कि इन ताकतों ने सत्ता हासिल करने के लिए अर्धसत्य, तोड़े मरोड़े हुए तथ्यों, झूठे प्रचार, उग्र देशभक्ति, तीखे राष्ट्रवाद और लगातार भय और नफरत पैदा करने के तरीकों का इस्तेमाल किया|
अब हमारे सामने जो सवाल है वह यह है कि हम इस रथ को कैसे रोकें ? इनके पास भारी आर्थिक संसाधन हैं, इनके पास इनका समर्थन करने वाली प्रचारक मीडिया है, और समर्थकों की एक फौज़ है जो इनकी विचारधारा को लागू करने और फ़ैलाने का काम करती है| यह समाज और पूरे भारत के लिए एक अभूतपूर्व संकट है|
हम जानते हैं कि यह संघर्ष लम्बा और कठिन है, इसे सामाजिक राजनैतिक, कानूनी सांस्कृतिक और मीडिया के स्तर पर करना होगा| लेकिन हम यह भी जानते हैं कि ऐसे अनेकों उदाहरण हैं जहां बहुत से लोग और संस्थाएं इनके खिलाफ बहादुरी और सफलतापूर्वक इन्हें चुनौती देने के लिए खड़े हुए हैं लेकिन फिर भी …. हम उम्मीद का दामन नहीं छोड़ सकते|
हम संभावना लोकनीति और राजनीति संस्थान में पांच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कर रहे हैं| यह कार्यशाला इन शक्तियों के रचाए हुए झूठ और फरेब के जाल को फाश करने की समझ और तरीके तलाशने में मदद करेगी| जाने माने सम्मानित स्रोत व्यक्ति आपकी समझ की इस यात्रा में सहयात्री बनेंगे|
कार्यक्रम के उद्देश्य:
- अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, मीडिया, कानून के शासन, विपक्ष और संस्थानों के संदर्भ में गणतंत्र के लिए खतरों की प्रकृति को समझना।
- मनरेगा, बैंक निजीकरण, रोजगार और श्रम कानूनों में बदलाव के संदर्भ में चर्चा
- पहचान की राजनीति, बहुसंख्यकवाद और अन्य के उपयोग से अल्पसंख्यकों के लिए खतरों को समझना।
- विविधता, समानता, स्वतंत्रता और न्याय का समर्थन करने वाले काउंटर और सकारात्मक आख्यानों की खोज करना।
- सांस्कृतिक प्रतिरोध, जन आंदोलन, और आरटीआई जैसे संवैधानिक उपकरण, न्यायिक दृष्टिकोण
- प्रतिरोध के अपने स्वयं के उपकरणों के प्रतिभागियों द्वारा साँझा करना और एक सामूहिक कार्य योजना बनाना।
स्त्रोत व्यक्ति
अनुपम – युवा हल्लाबोल के राष्ट्रीय अध्यक्ष
हर्ष मंदर – हर्ष मंदर एक भारतीय लेखक, स्तंभकार, शोधकर्ता, शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने सांप्रदायिक या धार्मिक रूप से प्रेरित हिंसा के पीड़ितों के साथ एकजुटता में कारवां-ए-मोहब्बत अभियान शुरू किया।
अंजलि भारद्वाज – पारदर्शिता और जवाबदेही के मुद्दों पर काम करने वाली एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता। वह सूचना के अधिकार के लिए राष्ट्रीय अभियान (NCPRI) की सह-संयोजक हैं [1] और सतर्क नागरिक संगठन की संस्थापक सदस्य हैं।
प्रशांत भूषण
ऑनलाइन रिसोर्स पर्सन – राम पुनियानी
यह कार्यशाला किनके लिए है?
यह आवाहन उन सभी शिक्षकों, छात्रों, कार्यकर्ताओं और सामुदायिक सदस्यों के लिए है जो इन हालातों से चिंतित हैं| यह आवाहन उन सभी के साथ आने के लिए है जो लोग इन नुकसानदेह विचारों का सामना करना चाहते हैं जो हमारे लोकतंत्र के मूल ढांचे और संविधान में दिए गए उन आदर्शों के खिलाफ हैं जिन्हें हम ज़मीन पर उतारना चाहते हैं|
भाषा: कार्यशाला का संचालन हिंदी हिन्दुस्तानी और कुछ अंग्रेज़ी में होगा
दिनांक और स्थान: 21 से 24 May, 2023, संभावना संस्थान, ग्राम व पोस्ट- कंडबाड़ी, तहसील- पालमपुर, जिला- काँगड़ा, पिन 176061 हिमाचल प्रदेश
कार्यशाला की लागत में अंशदान:
हम आशा करते हैं प्रतिभागी कार्यशाला की लागत के लिए 2000 /- रुपयों के राशि का अंशदान करेंगे, इसमें आपके रहने खाने और कार्यशाला में इस्तेमाल होने वाली सभी सामग्री का मूल्य शामिल है| ज़रुरत के आधार पर आंशिक शुल्क माफी की व्यवस्था है, विशेषकर हाशिये पर पड़े समुदायों के छात्र| हमारे पास आंशिक शुल्क माफी की सीमित व्यवस्था है| अतः आप इसके लिए तभी आवेदन करें जब आपको असलियत में ज़रूरत हो| ध्यान रखिये हो सकता है किसी को इसकी ज़रूरत आपसे ज़्यादा हो|