Home > Testimonial > Harsimran Preet Kaur, Sanjha Manch [2016]

संभावना

मीलों चलने की संभावना,
कुछ अलग सोचने की संभावना,
कुछ कर गुजरने की संभावना!

मेरे चलने की चाल में , बोलने के ढंग में , सोचने की कला में, एक आतंविश्वास की संभावना! अलग चेहरे, अलग भाषा , अलग सोच, अलग समझ , मगर दिल एक होने की संभावना! समाज की समस्याओं को मिल कर, जड़ से मिटाने की संभावना! साथ चलने में, साथ खाने में, उठने- बैठने में , नाचने- गाने में , दिल में खुशी महसूस करने की संभावना! पहाड़ो की गोद में , झीलों की सुरीली आवाज़ में , अपने नज़रिये से, खुद की पहचानने की संभावना! ना जीत ना हार, ना पास ना फ़ेल, ना भीख ना दया, ना पहचान ढूंढने की, ना पहचान खोने की, बस सच का साथ देने की संभावना! मिली खुशी और बचे हुए घंटो को यादगार बनाने की, सांझा मंच को दिल से जी लेने की संभावना! हरसिमरन प्रीत कौर Harsimran Preet Kaur (प्रतिभागी सांझा मंच Sanjha Manch: Participatory Communication and Theatre)


Image – Harsimran Preet Kaur
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